Roodkee : लालच में अंधा हुआ दारोगा, डबल मर्डर का पुलिस ने किया पर्दाफश,2 गिरफ्तार
रिपोर्ट: सलमान मालिक
लालच में इंसान इस कदर अंधा हो जाता है कि उसे सही गलत का फर्क ही नजर नहीं आता। आंखों पर लालच की पट्टी बंधने पर एक दारोगा का ही ईमान डोल गया। दारोगा और उसके दो साथियों ने मिलकर एक नेत्रहीन महिला और उसके बेटे को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन एक कहावत है कि मुजरिम कितना भी शातिर क्यों ना हो और गुनाह कितने भी पर्दे में क्यों ना किया गया हो, उसकी हकीकत सामने आ ही जाती है।
एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देशन में पुलिस टीम ने रोशनाबाद पुलिस लाइन में तैनात आरोपी दारोगा छुन्ना सिंह समेत उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार कर मां बेटे के सनसनीखेज और ब्लाइंड मर्डर केस का राजफाश कर लिया। एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह की अगुवाई में सीओ मंगलौर विवेक कुमार, झबरेड़ा थानाध्यक्ष अंकुर शर्मा व एसओजी रुड़की प्रभारी निरीक्षक रविन्द्र शाह की टीम ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिखाया।
बिना पति अपने बेटे नरेन्द्र उर्फ राजा का पालन पोषण कर रही कांठ मुरादाबाद निवासी दृष्टिहीन ममता ने वहां की अपनी प्रॉपर्टी बेचकर रोजगार की तलाश में करीब डेढ़ साल पहले हरिद्वार का रुख किया और प्रॉपर्टी बेचकर आए रुपयों से रोशनाबाद हरिद्वार में 01 मकान खरीदा। यहां रोजगार की तलाश के दौरान ममता पुलिस लाइन रोशनाबाद में तैनात एक दारोगा और एक अन्य व्यक्ति शहजाद के सम्पर्क में आयी। दोनों ने उसे भरोसे में लेकर प्रॉपर्टी बेचने के लिए उकसाते हुए ये आश्वासन दिया कि वो उसकी देखभाल के साथ-साथ पूरा खयाल रखेंगे। इस बात पर भरोसा कर महिला ने रोशनाबाद स्थित अपने मकान का सौदा 20 लाख रुपए में तय कर मकान बेच दिया जिसमें से 01 लाख रुपए की पेमेंट होनी बाकी थी। बड़ी नकदी हासिल करने का लालच और ऊपर से दृष्टिहीन महिला के परिजनों का डर न होने के चलते दोनों हत्यारोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ महिला और उसके बेटे को रास्ते से हटाकर पूरी रकम ऐंठने का प्लान बना दिया और सही मौके का इंतजार करने लगे।
09 फरवरी प्लान के मुताबिक हत्यारोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए वह वक्त चुना जब महिला अपने मकान का कब्जा नए मकानमालिक को देकर बचे हुए 01 लाख रुपये भी ले चुकी थी। योजना के मुताबिक मां-बेटे को अपने बुलाए गए ऑल्टो कार में बैठाकर ले जाया गया और मौका मिलते ही गला घोंटकर दोनों की हत्या कर दी गई। इसके बाद प्रकरण को बड़ी सनसनी बनने से रोकने के लिए दोनो शवों को अलग-अलग स्थानों पर लावारिस हालत में फेंक दिया गया। टीम ने बंटवारे में आयी रकम से खरीदी गई ऑल्टो कार बरामद कर ली है। अब हिस्से में आई बाकी नगदी व अन्य सामान की रिकवरी के लिए विभिन्न तरीकों से प्रयास कर रही है। इस इमानदार पेशकश को आमजन की भरपूर सराहना मिल रही है। साथ ही आमजन एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल की नेतृत्व क्षमता एवं शीशे की तरह साफ-सुथरी कार्यशैली को भी पूरी तरह अपना जनसमर्थन दे रहे हैं।