37 views 2 sec 0 Comment

कावड़िये का हैरतअंगेज कारनामा, जिस्म में सुराख कर पीठ पर लोहे के कुंडों के जरिये ले जाई जा रही कांवड

- July 22, 2022

कावड़िये का हैरतअंगेज कारनामा, जिस्म में सुराख कर पीठ पर लोहे के कुंडों के जरिये ले जाई जा रही कांवड

रिपोर्ट: सलमान मलिक

देवों की नगरी हरिद्वार में इन दिनों आस्था का मेला कांवड़ यात्रा चल रही है, शिवभक्त कांवड़िये गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे है, इस मेले में शिवभक्तों की आस्था देखते ही बन रही है, पैदल मार्ग पर आस्था के कई रंग नजर आ रहे हैं, यहां कोई कंधे पर कांवड़ उठाकर मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं तो कोई शरीर के बल रेंगते हुए मंदिर में पहुंच रहे हैं।

कावड़िये का हैरतअंगेज कारनामा सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा

इन्ही के बीच एक कावड़िये का हैरतअंगेज कारनामा सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, जिसने भी इस कावड़िये की आस्था देखी उसने ही दांतो तले अपनी उंगलियां दबा ली, दरअसल इस कावड़िये ने अपनी पीठ पर लोहे के कुंडे गुदवाए हुए है, जिसके सहारे वह करीब डेढ़ कुंतल वजन की कांवड़ खिंचकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे है।

प्रेरणा उन्हें अपने उस्ताद देशराज से मिली

जी हां हरिद्वार से हरियाणा के कैथल जनपद के केयोडक गांव की पद यात्रा के लिए निकले जोगिंदर गुज्जर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि ये प्रेरणा उन्हें अपने उस्ताद देशराज से मिली है, जो टाई क्वांडो कोच है, और वह उन्हें स्टंट सिखाते है, उन्होंने बताया जैसे बजरंग बली हनुमान ने अपना सीना चीरकर श्रीराम का वास अपने सीने में दिखाया था उसी तरह भगवान शिव के प्रेम में वह अपनी पीठ पर लोहे के कुंडे बीनकर कांवड़ खींच रहे है, ये सब वह भगवान शिव के प्रेम में कर रहे है,

भोले का नाम लेते हैं उन्हें कोई दर्द नहीं होता है

जोगिंदर ने बताया कि जैसे ये कावड़ उठाई है भोले का नाम लेते हैं उन्हें कोई दर्द नहीं होता है और ना ही किसी की याद आती है, बता दें जोगिंदर पेशे से एक प्लम्बर है, और अपने उस्ताद देशराज के पास रहकर ताईक्वांडो सीख रहे है, वहीं जोगिंदर के उस्ताद क्वांडो कोच देशराज ने बताया कि हरिद्वार से हरियाणा बॉर्डर तक इस कांवड़ को जोगिंदर लेकर जाएंगे, उससे आगे वह स्वंम इसी तरह इस कांवड़ को शिवमन्दिर तक पहुँचाएंगे, देशराज ने बताया कि उन्होंने कावड़ यात्रा से पहले वाल्मीकि जयंती पर कमर में कुंडी डालकर एक बड़ा ट्रक भी खींचा था, जिसके बाद मन में विचार आया कि जब हम इतना बड़ा ट्रक खींच सकते हैं तो इस कावड़ में तो सिर्फ डेढ़ से दो कुंतल वजन है।

बता दे दूर-दराज से शिवभक्त हरिद्वार पहुँच रहे है और अपनी भक्ति का इजहार कर रहे है, लाखों करोड़ों की संख्या में शिवभक्त गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की ओर बढ़ रहे है, हरियाणा से हरिद्वार कांवड़ लेने आए जोगिंदर गुज्जर का कांवड़ उठाना सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।