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पानी नहीं ‘जहर’ पी रहे हैं हम! देशभर से आए चौकाने वाले आकड़े

- August 2, 2022

पानी नहीं ‘जहर’ पी रहे हैं हम! देशभर से आए चौकाने वाले आकड़े

Breaking Desk | ANN NEWS

हमारे दिमाग में 75%, हड्डियों में 25% और खून में 83% पानी होता है. कोई भी इंसान बिना खाने के महीनेभर तक जिंदा रह सकता है, लेकिन बिना पानी के सिर्फ एक हफ्ते. एक व्यक्ति को जिंदा रहने के लिए पानी पीना बहुत जरूरी है. किसी इंसान को स्वस्थ रहने के लिए हर दिन कम से कम 2 लीटर पानी पीना चाहिए. लेकिन क्या ये पानी हमें वाकई हेल्दी बना रहा है?

आज के समय में हम पानी तो पी रहे हैं, लेकिन वो ‘जहर’ बन चुका है. ये बात सरकार ने संसद में मानी है. सरकार ने राज्यसभा में जो आंकड़े दिए हैं, वो सिर्फ चौंकाते ही नहीं है, बल्कि डराते भी हैं. ये आंकड़े डराते हैं कि हम अब तक जो पानी पीते आ रहे हैं, वो ‘जहरीला’ है. क्योंकि, देश के लगभग सभी राज्यों के ज्यादातर जिले ऐसे हैं, जहां ग्राउंड वाटर में जहरीली धातुओं की मात्रा तय मानक से ज्यादा पाई गई है.

 

आंकड़े क्या कहते हैं ?

– 21 राज्यों के 176 जिले ऐसे हैं, जहां के कुछ हिस्सों में ग्राउंड वाटर में सीसा तय मानक 0.01 मिलिग्राम प्रति लीटर से ज्यादा है.
– 11 राज्यों के 29 जिलों के कुछ हिस्सों में ग्राउंड वाटर में कैडमियम की मात्रा 0.003 मिलिग्राम प्रति लीटर से ज्यादा पाई गई है.
– 25 राज्यों के 209 जिलों के कुछ हिस्सों में ग्राउंड वाटर में आर्सेनिक की मात्रा 0.01 मिलिग्राम प्रति लीटर से ज्यादा है. 
– 29 राज्यों के 491 जिलों के कुछ हिस्सों में ग्राउंड वाटर में आयरन की मात्रा 1 मिलिग्राम प्रति लीटर से ज्यादा है.
– 16 राज्यों के 62 जिलों के कुछ हिस्सों में ग्राउंड वाटर में क्रोमियम की मात्रा 0.05 मिलिग्राम प्रति लीटर से ज्यादा मिली है.
– वहीं, 18 राज्यों के 152 जिले ऐसे हैं जहां के कुछ हिस्सों में ग्राउंट वाटर में यूरेनियम 0.03 मिलिग्राम प्रति लीटर से ज्यादा पाया गया है.

स्वास्थ्य के लिए कितने खतरनाक है ये पानी?

एक व्यक्ति हर दिन औसतन 3 लीटर पानी पीता होगा. हालांकि, सरकारी दस्तावेजों की मानें तो हेल्दी रहने के लिए कम से कम 2 लीटर पानी रोज पीना चाहिए. अगर 2 लीटर पानी भी हर रोज पी रहे हैं, तो कुछ न कुछ मात्रा में जहर भी आ रहा है.  ग्राउंड वाटर में आर्सेनिक, आयरन, सीसा (लीड), कैडमियम, क्रोमियम और यूरेनियम की मात्रा तय मानक से ज्यादा होने का सीधा-सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है.